Edited By Mansa Devi,Updated: 30 Jun, 2025 12:27 PM

दिल की बीमारी अचानक नहीं होती, बल्कि यह धीरे-धीरे विकसित होने वाली एक गंभीर स्थिति है। जब दिल शरीर की ज़रूरत के अनुसार पर्याप्त रक्त नहीं पंप कर पाता, तो उसे हार्ट फेल्योर कहा जाता है। इससे पहले शरीर कुछ संकेत जरूर देता है, जिन्हें अगर समय रहते...
नेशनल डेस्क: दिल की बीमारी अचानक नहीं होती, बल्कि यह धीरे-धीरे विकसित होने वाली एक गंभीर स्थिति है। जब दिल शरीर की ज़रूरत के अनुसार पर्याप्त रक्त नहीं पंप कर पाता, तो उसे हार्ट फेल्योर कहा जाता है। इससे पहले शरीर कुछ संकेत जरूर देता है, जिन्हें अगर समय रहते पहचान लिया जाए, तो जटिलता से बचा जा सकता है।
ये हैं हार्ट फेल होने से पहले दिखने वाले 7 अहम लक्षण:
➤ सांस फूलना:
थोड़ी सी गतिविधि, सीढ़ियां चढ़ना या लेटने पर भी सांस लेने में दिक्कत होना एक सामान्य लक्षण है।
➤ लगातार थकान और कमजोरी:
शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाने के कारण मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं।
➤ सूजन:
टखनों, पैरों और पेट में सूजन आना इस बात का संकेत हो सकता है कि शरीर में फ्लूइड जमा हो रहा है।
➤ तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन:
धड़कनों का असामान्य होना या छाती में धड़कन का अहसास होना हार्ट की कमजोरी का संकेत हो सकता है।
➤ भूख में कमी और पेट भरा-भरा लगना:
पाचन प्रणाली पर प्रभाव के कारण भूख न लगना, जी मिचलाना, और पेट भारी लगना शुरू हो सकता है।
➤ चक्कर आना या भूलने की समस्या:
विशेष रूप से बुजुर्गों में दिमाग तक रक्त प्रवाह कम होने से ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
➤ सीने में दर्द या दबाव:
अगर हार्ट फेल्योर के साथ हार्ट अटैक की स्थिति बन रही हो, तो सीने में भारीपन या दर्द महसूस हो सकता है। यह आपातकालीन स्थिति होती है।
क्या करें अगर दिखें ऐसे लक्षण?
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल का कहना है कि ये लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं। यदि उपरोक्त में से कोई भी लक्षण लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। प्रारंभिक पहचान से न केवल हार्ट फेल्योर को रोका जा सकता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर बनाई जा सकती है।